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सुबह हुई
फिर एक बार
काम के नशे में डूब जाऊंगा :
शाम होते तक
तुम्हारी याद को छू न पाऊंगा :
परंतु शाम होते ही
बस याद ही याद -
वही पुरानी
तन्हाईओ वाली बात :
अब तो एक आदतसी हो गई हैं
पूरी एक उम्र ऐसी ही कट गई हैं :
अगर गम मिला तो गम ही सही
मेरी जिन्दगी की डोली पर चढ़के
काली चुनरियाँ ओढ़
कभी होली भी चली हैं
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13 March 1985
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Doll Of Life
it's morning
once again
I will drown in the intoxication of work:
till evening
I will not be able to touch your memory:
but in the evening
Just remember, just remember -
same old
Lonely thing:
Now it has become a habit
An entire age has passed like this:
If there is sorrow then it is true sorrow
climb on the dolly of my life
wearing black skirts
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