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'गर तुम गाना बंध करो तो
मैं लिखना बंध करू ;
फिर मुझे ना दोष देना ,
क्यूं की
आसमान ज़ूक जाएगा
नदिया के पानी रुक जायेगा
'गर बहारे उलझ गई तो
मुझे दोष ना देना !
मई के ये पहले दिन
तुम्हारी पलक के निचे ,
छाँव
कड़ी धुप में बदल गई
तो मुझे दोष ना देना !
'गर तुम बन्ध करोगे गाना
तो
क्या आंसू रुक जायेगे ?
बरस ना छोड़ कर
क्या
बादलों तरस जायेंगे ?
मैं लिखना बंध करू तो
तुम्हारे पायल की जंकार
ज़माना न सून पाएगा ,
मुझे फिर दोष ना देना ;
करू जो बंध लिखना
तो परिंदे भी
उड़ न पाएंगे ,
घोशले में
पाँखें सिमट कर
तुम्हारा नाम भी
ना ले पाएंगे !
मई के ये पहले दिन ,
गुल्मोर के गुल लाल ,
खिलने से पहेले ही
मुरजाएगे !
फिर मुझे दोष ना देना !
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www.hemenparekh.in > Poems ( Hindi )
01 May 2016
Then Don't Blame Me!
'If you stop singing then
I should stop writing;
Then don't blame me,
why
the sky will disappear
river water will stop
'If you get entangled in the flow,
Don't blame me!
These first days of May
under your eyelid,
shade
turned into harsh sunlight
So don't blame me!
'Gar Tum Band Karoge Song'
So
Will the tears stop?
except rain
What
Will the clouds yearn?
if i stop writing
the jangle of your anklets
The world will not be able to listen,
Don't blame me again;
write whatever I want
so do the birds
Will not be able to fly,
in the nest
eyes closed
your name too
Will not be able to take it!
This first day of May,
Gul Lal of Gulmor,
before it blooms
Will wither!
Then don't blame me!
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Translated In Google Translate - 05/03/2024