बादल हु मै
उड़ा जा रहा
जहां ले चले पवन ;
टकराता कभी
पहाड़ की चट्टानों से --
तो कभी लहराए
मेरे साये में उपवन ;
और कभी ,
बहुत कम कभी
जा के बरस जाता हूँ
रेगिस्तान में ;
आखिर मेरा भी तो कोई नाता है
ज़मी से ,
तुम जो ज़मी पे खड़ी हो
सिना उठाये आभ की और --
क्या तुम्हारे ह्रदय में
छिपा है
आश का पंछी ?
तद्पडाता ,
पंखे फड्फादाता
कोई बादलो का आशिक
दो बूँद का प्यासी ?
किस बेबसी से
इन्हें
पकड़ रखहा है ?
क्या तुमारा नाता
ज़मी से अलावा
किसी से नहीं ?
उड़ा जा रहा
जहां ले चले पवन ;
टकराता कभी
पहाड़ की चट्टानों से --
तो कभी लहराए
मेरे साये में उपवन ;
और कभी ,
बहुत कम कभी
जा के बरस जाता हूँ
रेगिस्तान में ;
आखिर मेरा भी तो कोई नाता है
ज़मी से ,
तुम जो ज़मी पे खड़ी हो
सिना उठाये आभ की और --
क्या तुम्हारे ह्रदय में
छिपा है
आश का पंछी ?
तद्पडाता ,
पंखे फड्फादाता
कोई बादलो का आशिक
दो बूँद का प्यासी ?
किस बेबसी से
इन्हें
पकड़ रखहा है ?
क्या तुमारा नाता
ज़मी से अलावा
किसी से नहीं ?
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What Is Your Relation
I am a cloud
being blown away
Wherever the wind takes you;
sometimes collide
From the mountain rocks
so wave sometime
The garden in my shadow;
and sometimes,
rarely ever
I will go and rain
in the desert ;
After all, I too have a relation.
from the ground,
you who are standing on the ground
Abh's chest was raised and
what is in your heart
is hidden
Bird of hope?
prompt giver,
fan blower
a lover of clouds
Thirsty for two drops?
with what helplessness
these
Are you holding it?
what is your relation
apart from the ground
to nobody ?
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