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अकेला हूँ
मुज़े समज़ने की
कोशिश मत करो --
क्या आसमान
किसी की रहम पर
जीता है ?
तुम्हारे साये के
अँधेरे में
चला जा रहा हूँ ,
तुम्हारे लिए
क्या येही काफी नहीं ?
कभी सोचता हूँ ,
क्या तुम शमा हो के
जलना पसंद करती ?
जब खुद
तुम्हारे दिए की
बाती न बन पाया ;
बेमुनासिब इन सवालातो से
तुम्हारे गमो को
क्यूँ छिडकता हूँ ?
मेरे गुनाहों की सज़ा
मुजे मिलने दो ,
तड़पती हुई तन्हाइओकि
आगमे
मुज़े सुलगने दो ;
कसूर मेरा है --
मुहब्बत की कसमे मैंने खायी है ,
जो वादे तुमसे किये है
वो पूरे हो जायेंगे --
इससे बढ़कर
मुजको समज़ने
बेकार बाते मत करो
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दिवाली
The Promises I Made To You
I am alone
to
understand me
Do
not try
what sky
at someone's mercy
has won?
of
your shadow
in
the dark
I am
leaving,
For you
Is this not enough?
I
sometimes think,
are
you shy?
likes
to burn
when myself
of yours
The wick could not be made;
these questions are irrelevant
to
your sorrows
Why
do I sprinkle?
punishment for my crimes
let me meet,
agonizing loneliness
in fire
Let me smolder;
it's
my fault
I
have sworn to love you,
the
promises I made to you
They
will be completed
more than this
understand me