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मैं गाता हूँ ;
हँसता कम
और रोता ज्यादा हूँ !
जो मनभाई वो धून में
गीत तुम्हारे सजाता हूँ ;
क्या
कभी तुम्हारे मन को
भाता हूँ ?
क्या करूँ ,
तुम सोचती हो कुछ ज्यादा
और सुनती कम हो !
कभी तो सूना करो
तुम्हारे पायल की झंकार में
मेरे ही गीत छुपे हैं !
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14 June 2016
www.hemenparekh.in > Poems ( Hindi )
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Forget It Sometime
I sing
;
laugh less
And I cry more!
Whatever tune you like
I will sing a song for you;
What
ever your mind
like?
What to do ,
you think too much
And you listen less!
forget it sometime
in the jingle of your anklets
Only my songs are hidden!
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Translated In Google Translate - 04/03/2024
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