हज़ारो ख़याल आते है
रुक कर , पल दो पल
चले जाते है !
रुका है सिर्फ एक
तेरी छवि बन के ;
वो छवि
जिसे देखने
ढलते सूरज की किरणे भी
थम गयी ;
पिप्पल के पत्तो से गुजर
वो किरणे
तेरे चेहरे पर
धुप छाँव खेलती रही ;
तेरे हसीं होठो को
मैं आज भी तरसता हूँ
तेरे लबो को छू ने
मैं आज भी मरता हूँ !
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24 July 2018 ( DP )
रुक कर , पल दो पल
चले जाते है !
रुका है सिर्फ एक
तेरी छवि बन के ;
वो छवि
जिसे देखने
ढलते सूरज की किरणे भी
थम गयी ;
पिप्पल के पत्तो से गुजर
वो किरणे
तेरे चेहरे पर
धुप छाँव खेलती रही ;
तेरे हसीं होठो को
मैं आज भी तरसता हूँ
तेरे लबो को छू ने
मैं आज भी मरता हूँ !
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24 July 2018 ( DP )
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Touched your lips
thousands of thoughts come to mind
Wait a moment, a second
Let's go!
only one is waiting
By becoming your image;
that image
whom to see
even the rays of the setting sun
It stopped;
passing through pipal leaves
those rays
on your face
The sun kept playing with shade;
to your smiling lips
I still yearn for it
touched your lips
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Translated In Google Translate - 27/02/2024
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