तूने तो दी हंसी ,
बार बार,
फिर भी मेरे दिल का जाम क्यों खाली ?
अब तो उस क़यामत का
इंतज़ार है ,
जब मेरे गमो के जाम
तुम्हारे लबो तक
पहुँच पाए !
हमारे उम्र की राहें
अलग थी ,
पर ज़िंदगी की राहें
कहीं न कहीं ,
ज़माने से छुपके
मिलती रही !
अब
ना तो वो मिलेंगी
ना कभी बिछड़ेंगी ,
मैं तो उस उम्र को रोता हूँ
जो आते आते ही
ज़िंदगी की राहों में
भटक गई !
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21 Oct 2018 ( DP )
बार बार,
फिर भी मेरे दिल का जाम क्यों खाली ?
अब तो उस क़यामत का
इंतज़ार है ,
जब मेरे गमो के जाम
तुम्हारे लबो तक
पहुँच पाए !
हमारे उम्र की राहें
अलग थी ,
पर ज़िंदगी की राहें
कहीं न कहीं ,
ज़माने से छुपके
मिलती रही !
अब
ना तो वो मिलेंगी
ना कभी बिछड़ेंगी ,
मैं तो उस उम्र को रोता हूँ
जो आते आते ही
ज़िंदगी की राहों में
भटक गई !
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21 Oct 2018 ( DP )
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Paths of our age
You made me laugh,
Frequently,
Still, why is my heart empty?
Now about that doomsday
Waiting,
When the jam of my sorrows
till your lips
Could reach!
paths of our age
was different,
but the ways of life
somewhere ,
hidden from the world
Keep meeting!
Now
neither will they be found
Will never be separated,
I cry at that age
as soon as they arrive
in the ways of life
Got lost!
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Translated In Google Translate - 27/02/2024
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