मेरे अस्तित्व से
जिन्हें जो चाहा
उन्हें वही मिला ;
तुमने चाहा
मेरे स्वत्व की आहूति
जो तुम पा चुकी हो ;
बहुत दिन बीते
किसीने
दिल के बदले दिल मोल लिया ,
मुज़े रुनाणुमूकत कर दिया !
ब़ाकी रहा मेरा जिस्म
जो
न तो तुमे चाहिए
ना उन्हें -
चाहिए
शमशान में
अपेक्षित एक
लकडियो के ढेर को ,
इन्हें मिल जायेंगा ;
मेरे अस्तित्व का
बाकि कुछ
ना रह पायेगा !
'गर हो शके तो
बहा देना
यादो को भी --
की
मैंने कभी
छुआ था
किसीके प्रानों को भी !
बचने ना पाए
आश्लेष के निष्वाश .
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18 May 1977
जिन्हें जो चाहा
उन्हें वही मिला ;
तुमने चाहा
मेरे स्वत्व की आहूति
जो तुम पा चुकी हो ;
बहुत दिन बीते
किसीने
दिल के बदले दिल मोल लिया ,
मुज़े रुनाणुमूकत कर दिया !
ब़ाकी रहा मेरा जिस्म
जो
न तो तुमे चाहिए
ना उन्हें -
चाहिए
शमशान में
अपेक्षित एक
लकडियो के ढेर को ,
इन्हें मिल जायेंगा ;
मेरे अस्तित्व का
बाकि कुछ
ना रह पायेगा !
'गर हो शके तो
बहा देना
यादो को भी --
की
मैंने कभी
छुआ था
किसीके प्रानों को भी !
बचने ना पाए
आश्लेष के निष्वाश .
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18 May 1977
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I Ever Touched
from my existence
whoever wanted
That's what they got;
you wanted
sacrifice of my self
What you have achieved;
many days passed
someone
Bought a heart for a heart,
Made me cryless!
my body remains
Who
neither should you
nor them -
Needed
in the cemetery
expected one
to the pile of wood,
Will get them;
of my existence
the remaining few
Will not be able to stay!
'If possible
flush away
Even the memories -
of
I never
had touched
Even someone's life!
could not escape
The end of praise.
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Translated In Google Translate - 13/03/2024
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