बरसों हुए ,
तुम्हे मिला था
जिस्म और रूह के संगम पर ;
फिर एक रात आयी
क़यामत की बात लायी ,
तुम्हे खो दिया
दिशा और दिगंत के चौराहे पर :
तब से लेकर आजतक
भटकता हूँ ,
मन की उन गलियारिओं में ,
जहां उस भौचाल से गिरे
खंडेर ही खंडेर है ;
हर खंडेर के सामने ठहर
पूछता हूँ :
" क्या , कभी , रहती थी यहां
इन्द्र की कोई मेनका ? "
तब खंडेर गूंजने लगते है ,
" रहती तो नहीं ,
पर , हर रात आती है ,
खंडेर में हर
दिया एक जलाती है !
जब इंद्र , इंद्र जपते
सुब्हा हो जाती है ,
तब
लिपट कर कोहरे में
कह के ,
" आउंगी कल रात फिर "
चौराहे से पलट जाती है !
===============================
21 July 2019 / Mumbai
तुम्हे मिला था
जिस्म और रूह के संगम पर ;
फिर एक रात आयी
क़यामत की बात लायी ,
तुम्हे खो दिया
दिशा और दिगंत के चौराहे पर :
तब से लेकर आजतक
भटकता हूँ ,
मन की उन गलियारिओं में ,
जहां उस भौचाल से गिरे
खंडेर ही खंडेर है ;
हर खंडेर के सामने ठहर
पूछता हूँ :
" क्या , कभी , रहती थी यहां
इन्द्र की कोई मेनका ? "
तब खंडेर गूंजने लगते है ,
" रहती तो नहीं ,
पर , हर रात आती है ,
खंडेर में हर
दिया एक जलाती है !
जब इंद्र , इंद्र जपते
सुब्हा हो जाती है ,
तब
लिपट कर कोहरे में
कह के ,
" आउंगी कल रात फिर "
चौराहे से पलट जाती है !
===============================
21 July 2019 / Mumbai
==================================
I will come again tomorrow night
It's been years,
you had got
At the confluence of body and soul;
then came a night
Brought the matter of doomsday,
lost you
At the intersection of Disha and Digant:
from then till today
I wander,
In those corridors of the mind,
where I fell from that earthquake
A ruin is a ruin;
stop in front of every ruin
i ask :
"Did you ever live here?
Any Maneka of Indra? ,
Then the ruins start resonating,
"Doesn't she live?
But it comes every night,
Har in ruins
Lights a lamp!
When Indra, Indra chants
morning comes,
Then wrapped in fog
By saying,
"I will come again tomorrow
night"
Turns around at the intersection!
=======================
Translated In Google Translate - 22/02/2024
=============================
No comments:
Post a Comment