Transliteration from original English poem " Only You " ( dt 01 May 1980 )
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ज़माने से आँखे मोड़ ली , / 19 July 2019
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मेरी हर खामियों के
मिटटी से बने मेरे पैरों के
बावजूद ,
जिए जाता हूँ ;
तुम पूछो तो कहूं :
तुम मेरी हो , सिर्फ मेरी
मैं तेरा हूँ ,
तेरे अलावा किसी और का नहीं ;
नैनोसे मेरे
मिलाके नैन तेरे ,
तू ने तो
ज़माने से आँखे मोड़ ली ,
बेशक
तेरे हज़ारो चाहने वाले
तेरे पैर को छूने
तड़पते होंगे ;
मुज़मे वो गुस्ताखी कहाँ के
उठाके नज़र
गौर से तेरा चहेरा
देख लू !
पर आँखे बंध कर
तेरे दामन को छुआ
तब बोल पाया :
उम्र चाहे मेरी हो
ज़िंदगी तुम्हारी है
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ज़माने से आँखे मोड़ ली , / 19 July 2019
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मेरी हर खामियों के
मिटटी से बने मेरे पैरों के
बावजूद ,
जिए जाता हूँ ;
तुम पूछो तो कहूं :
तुम मेरी हो , सिर्फ मेरी
मैं तेरा हूँ ,
तेरे अलावा किसी और का नहीं ;
नैनोसे मेरे
मिलाके नैन तेरे ,
तू ने तो
ज़माने से आँखे मोड़ ली ,
बेशक
तेरे हज़ारो चाहने वाले
तेरे पैर को छूने
तड़पते होंगे ;
मुज़मे वो गुस्ताखी कहाँ के
उठाके नज़र
गौर से तेरा चहेरा
देख लू !
पर आँखे बंध कर
तेरे दामन को छुआ
तब बोल पाया :
उम्र चाहे मेरी हो
ज़िंदगी तुम्हारी है
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I have only you,
You have only me :
That is the only reason
I go on living
With all my imperfections,
And my feet of clay ;
You have accepted me
And closed your eyes,
To the rest of the world.
There are many
Who would want
To touch your feet –
I dare not
Even gaze at your Angel face,
But closing my eyes
When I touched your bosom,
It was to tell you
My reason for existence
Is not me,
It is you.
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Translated In Bhashini - 26/02/2024
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