Hindi transliteration / 25 July 2019
क्या प्रीतम आया ?
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दिल के शोले
अब बुज़ने चले ,
जो कभी अंगारे थे
वो आज
राख होने चले ;
कभी कभा , कहीं से आके
हवाओं के ज़ोके ,
दामन से मेरी चुनरी उड़ाते है ;
बंध कर आँखे शोचती हूँ ,
" क्या प्रीतम आया ?
पुरानी शरारत लाया ? "
इन खयालो
अतीत से आते है ,
खूब सताते है
और कहते ;
" कहो पिया
कहाँ आके,
किस कदर मिलु ?
जलादे फिर एकबार ,
प्यार के वो शोले
सनम ,
हो न पाए ख़ाक
तेरी इश्क के शोले ;
मुझे आज
तेरी आग में जलना है ,
शमा न होके ,
मुझे आज
परवाना होना है !
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क्या प्रीतम आया ?
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दिल के शोले
अब बुज़ने चले ,
जो कभी अंगारे थे
वो आज
राख होने चले ;
कभी कभा , कहीं से आके
हवाओं के ज़ोके ,
दामन से मेरी चुनरी उड़ाते है ;
बंध कर आँखे शोचती हूँ ,
" क्या प्रीतम आया ?
पुरानी शरारत लाया ? "
इन खयालो
अतीत से आते है ,
खूब सताते है
और कहते ;
" कहो पिया
कहाँ आके,
किस कदर मिलु ?
जलादे फिर एकबार ,
प्यार के वो शोले
सनम ,
हो न पाए ख़ाक
तेरी इश्क के शोले ;
मुझे आज
तेरी आग में जलना है ,
शमा न होके ,
मुझे आज
परवाना होना है !
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Has Pritam come?
dil ke sholay
Now let's extinguish it,
who were once embers
that today
Let it turn to ashes;
sometimes, come from somewhere
gusts of wind,
They blow my chunari from the hem;
I close my eyes and wash my eyes,
"Has Pritam come?
Brought up an old mischief? ,
think about these
come from the past,
bothers me a lot
And say;
"Tell me Piya
Where did you come?
How should I meet?
Burn once again,
those shoals of love
Lover ,
May it not be ashes
Shows of your love;
today I
I want to burn in your fire,
Without any light,
today I
Must have a license!
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Translated In Google Translate - 22/02/2024
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From following original Gujarati : ક્યાં આવી ને મળું ? :
રાખ વળી ગયી છે ,
અંતર નાં ઓલવાતા અંગારા પર
ખાક વળી ગયી છે ;
ક્યારેક
ક્યાંક થી
વસંત નો વાયરો વાય ,
મારા પાલવ નીચે
જાણે
સાયબા નો હાથ અડી જાય ,
ત્યારે પતંગિયા ની પાંખે ઉડી
અતીત ઓષ્ટ ને ચૂમે
મારું મનડું ઝૂમે ,
રાખ ઉડે , ને
રોમે રોમે
પ્રેમ અગન માં જળુ --
" પ્રિતમ , કહે ને ,
કેમ કરી ને
ક્યાં આવી ને મળું ?
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Ahemadabad Airport / April 06 1989
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