अब तो यही समज के चला हूँ
मै तेरे काबिल न था ;
अगर होता तो
क्या तेरा साहिल न होता ?
फिर
न होने की वज़ह क्या थी ?
ये की
मेरी गलतियां ज्यादा थी ,
तुम्हारी कम ?
शायद इसी लिए
मेरे ग़मो भी कुछ कम नहीं !
मगर ज़माना को नहीं परवा
ना मेरे ग़मो की , न तेरे !
मै तो अभी भी शोचता रहता हूँ ,
तुम्हारे काबिल न था , तो क्या हुआ ?
अब भी
ऐसी कोई सुबह तो नहीं आई
जब तुम्हारा नाम लिए बिना
आँखे खोली !
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मै तेरे काबिल न था ;
अगर होता तो
क्या तेरा साहिल न होता ?
फिर
न होने की वज़ह क्या थी ?
ये की
मेरी गलतियां ज्यादा थी ,
तुम्हारी कम ?
शायद इसी लिए
मेरे ग़मो भी कुछ कम नहीं !
मगर ज़माना को नहीं परवा
ना मेरे ग़मो की , न तेरे !
मै तो अभी भी शोचता रहता हूँ ,
तुम्हारे काबिल न था , तो क्या हुआ ?
अब भी
ऐसी कोई सुबह तो नहीं आई
जब तुम्हारा नाम लिए बिना
आँखे खोली !
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You were not worthy ,
now this is what I have come to understand :
I was not worthy of you ; if I had been ,
would you not have supported me ?
Then why was it not done ?
It was more my mistakes , less yours ?
Maybe that ' s why I ' m not so bad !
But the time does not care for my sorrow ,
nor for yours ! I am still grieving ,
you were not worthy , so what happened ?
Even now , there has never been a morning when
you opened your eyes without saying your name !
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Translated In Bhashini - 22/02/2024
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01 May 2020 / Friday / DP
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