हीला के पैर की अंगुली
तू बोली ,
" उट्ठो ,
लेके मुख पर
शर्म की लाली
उषा भी तो
आ गयी "
शर तक खिंच के चादर ,
मैं बोला ,
" रहने भी दो ,
और दो घडी
सोने भी दो ;
उजाले से ज्यादा
आये जो रात के अंधेरो में
वो सपनो में ,
तुम
कुछ ज्यादा ही भायी "
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Mumbai / 24 May 2020
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तू बोली ,
" उट्ठो ,
लेके मुख पर
शर्म की लाली
उषा भी तो
आ गयी "
शर तक खिंच के चादर ,
मैं बोला ,
" रहने भी दो ,
और दो घडी
सोने भी दो ;
उजाले से ज्यादा
आये जो रात के अंधेरो में
वो सपनो में ,
तुम
कुछ ज्यादा ही भायी "
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Mumbai / 24 May 2020
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I liked it a little too much
hella's toe
you said,
"Get up,
take on the face
blush of shame
Usha too
She has come."
Stretched the sheets till the head,
I said,
"
forget it ,
and two watches
Let me sleep also;
more than light
who came in the dark of night
That in dreams,
You
I
liked it a little too much."
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Translated In Google Translate - 21/02/2024
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From original Gujarati > https://hcpspoems.blogspot.com/2013/08/blog-post_2684.html
Saturday, 3 August 2013
=====================પગ નો અંગુઠો ખેંચી
તેં કહ્યું :
" ઉઠો ,
સવાર પડવા આવી "
માથે ખેંચી ચાદર
મેં કહ્યું :
" રહેવા દે ને ,
બેઘડી સૂવા દે ને,
તું મને
સ્વપ્ના માં
વધુ ભાવી "
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